Friday, June 17, 2011
saifuddinsaify: ये वर्दी वाले गुंडे ?
saifuddinsaify: ये वर्दी वाले गुंडे ?: "भोपाल -एक बार फिर प्रदेश की पुलिस की वर्दी दागदार हुई है ,और उसके जनसेवा और देशभक्ति वाले चेहरे पर कालिख पुत गई है!मुंह पर कालिख पुतवाने का ..."
ये वर्दी वाले गुंडे ?
भोपाल -एक बार फिर प्रदेश की पुलिस की वर्दी दागदार हुई है ,और उसके जनसेवा और देशभक्ति वाले चेहरे पर कालिख पुत गई है!मुंह पर कालिख पुतवाने का काम किया है राजधानी के नज़दीक बेरासिया थाने की पुलिस ने,जंहा ललरिया निवासी एक किशोरी को समीप के विदिशा जिले के एरन का भूरा नाम का एक युवक झासा देकर लेगया था,बाद में
भूरा के परिजन लड़की के घर शादी के लिए आये पर लड़कीवालो ने लड़की नाबालिग होने का कारण बता कर शादी करने से इनकार कर दिया
और बाद में युवक के खिलाफ लालारिया पुलिस चोकी में शिकायत दर्ज करा दी फिर जब मामला बेरासिया थाना पहुचा,तब बेरासिया थाने के टी.आइ.राकेशजैन और उनके अधिनस्त स्टाफ ने जो खेल युवती के परिजनों से मिल कर आरोपी युवक के साथ खेला उसने पुलिस की गुंडागर्दी की
मानसिकता को उजागर करते हुए,हाई कोर्ट के पुर्व जज अन्नंद नारायण मुल्ला के उस कथन को शत प्रतिशत सच साबित कर दिया है,की हमारी पुलिस वर्दी की आड़ में एक संगठित अपराधियो का एक गिरोह है!
जिस तरह बेरासिया पुलिस ने पेशेवर अपराधियो की तरह आरोपी युवक को न सिर्फ थाने में जमकर धुनाई लगाई,थर्ड डिग्री टॉर्चर किया और चाकू से उसपर हमला करवाया और आरोप खुद युवक पर मड दिया की उसने खुद अपना हाथ ब्लेड से काट लिया ये तो धन्यवाद देना चाहिए हमारी न्यायविवस्था में बेठे जागरूक इमानदार न्यायेधिशो को जिन्होंने समय समय पर पुलिस के बनाये झूठे मुकदमो को रद्दी की टोकरी में फैकते हुए आमआदमी की इज्जत और आबरू को बदनामी से बचाया है इन वर्दी धारी गुंडों से,बेरासिया थाने का ये मामला भी उजागर नही होता अगर राजधानी के माननीय जागरूक जिला जज श्रीगंगा चरण दुबे जी बेरासिया पुलिस की झूठी पटकथा की जाँच नही करवाते!
आखिर पुलिस कब तक उस आम जनता पर अपना बेजा रोब डालकर उसकी इज्जत का पंचनामा बनती रहेगी,जिस जनता के टेक्स से उसके घर का चुल्हा जलता है,यह पहेला मामला नही है इसके पहले भी गांधीनगर रेप केस में जिसतरह एक ढाबे वाले सत्य नारायण की इज्जत का पंचनामा राजधानी पुलिस ने बनया था उसके बाद कमलानगर में पुलिस अभिरक्षा में एक युवक ने पुलिस प्रतारणा के कारण थाना परिसर में ही ख़ुदकुशी कर ली थी,इस तरह के ढेरो मामले है प्रदेश भर में जिसमे पुलिस ने एक पेशेवर अपराधियो की तरह काम किया है और अपनी वर्दी दागदार की है और जनसेवा और देश भक्ति की शपथ को तोडा है ,अचम्भा तो यह है कि जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री मधुभाषी हो उसकि पुलिस उत्तनी ही जल्लाद बनी हुई है सही कहा है किसी ने चन्दन के पेड़ से सांप भले ही लिपटा रहे उसका जहर ख़तम नही होता!
Subscribe to:
Comments (Atom)